इंसान की क्रूरता का एक और भयानक रूप देखने को मिला

इंसान की क्रूरता का एक और भयानक रूप देखने को मिला ,


घायल होने के बाद में यह हथिनी गांव में मौजूद एकनदी के पास पहुंची और अपना सिर और मुँह को नदी में डुबोकर खड़ी हो गई..ऐसा करने से इस गर्भवती मादा को शायद आराम मिला होगा।
२७ मई को नदी में खड़े खड़े ही हथिनी की मौत हो गई।
कहा जा रहा हे की यह मादा हथिनी करीब एक हफ्ते तक भूखी प्यासी तड़पती रही क्योकि इसके पेट में एक बच्चा था इसलिए बार बार कहने की तलाश कर रही थी लेकिन मुँह में लगी चोट की वजह से वह कुछ भी खाने पीने में असमर्थ थी 


                           

केरल भारत का सबसे साक्षर राज्य है, जहां 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग पढ़ना और लिखना जानते हैं. लेकिन इन पढ़े-लिखे लोगों ने यह प्रमाण दे दिया कि पढ़े-लिखे इंसान भी किस हद तक गिर सकते हैं
केरल में कुछ इंसानों ने एक भूखी और गर्भवती हथिनी को जलते हुए पटाखों से भरा अनानास खिला दिया और उस हथिनी की तड़प-तड़प कर मृत्यु हो गई. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि एक गर्भवती महिला या जीव को चोट पहुंचाना सबसे बड़ा पाप है, क्योंकि ऐसा करके आप ना सिर्फ एक मां को चोट पहुंचाते हैं बल्कि उसके अजन्मे बच्चे को भी क्षति पहुंचाते है. केरल में कुछ लोगों ने यह पाप किया और साबित कर दिया कि इंसान, इंसान की योनि में पैदा होकर भी जानवरों जैसा बर्ताव कर सकते हैं.
वेटरनरी डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में 250 हाथियों का पोस्टमॉर्टम किया है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ जब उन्हें इतनी पीड़ा हुई। उन्होंने बताया कि वो हथिनी के अजन्मे बच्चे को, भ्रूण को हाथों में लेकर देख सकते थे। पहले किसी को भी पता नहीं था कि वो गर्भवती है, ये पोस्टमॉर्टम के समय ही पता चला।


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